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रिलायंस कोम्युनिकेशन 11 हजार करोड़ में कनाडा की कंपनी को बेचा , JIO भी नहीं बचा पाया रिलायंस को

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मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल के दिन इस समय ठीक नहीं चल रहे हैं। एक तरफ जहां बड़े भाई की कंपनी जियो टेलिकॉम की दुनिया में कामयाबी के झंडे गाड़ रही हैं तो दूसरी तरफ छोटे भाई की कंपनी की बिकने की नौबत आ गई है।

खबरों के मुताबिक अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) टावर बिजनेस कनाडा की ब्रुकफील्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेचेगी।डील से आरकॉम को 11,000 करोड़ रुपए मिलेंगे। इसका इस्तेमाल वह कर्ज लौटाने में करेगी। कंपनी पर करीब 44,000 करोड़ का कर्ज है। डील के लिए रेगुलेटर्स की मंजूरी लेनी पड़ेगी।

ब्रुकफील्ड के साथ डील में आरकॉम को टावर कंपनी के 49% शेयर भी मिलेंगे। लेकिन ये ‘बी’ क्लास यानी नॉन-वोटिंग शेयर होंगे। इनके आधार पर आरकॉम को वोटिंग या मैनेजमेंट में कोई अधिकार नहीं होगा। ब्रुकफील्ड इन्फ्रा एक इन्वेस्टमेंट कंपनी है।

भारत में किसी विदेशी इन्वेस्टमेंट कंपनी का यह सबसे बड़ा इन्वेस्टमेंट होगा।रिलायंस कम्युनिकेशंस ने अक्टूबर में ब्रुकफील्ड को अपना टावर बिजनेस बेचने का एलान किया था। मंगलवार को फिच रेटिंग्स ने आरकॉम की रेटिंग घटा दी थी।

रेटिंग एजेंसी ने कहा था कि एयरसेल के साथ ज्वाइंट वेंचर और टावर बिजनेस बेचने का प्रस्ताव कर्जदाताओं के लिए ‘निगेटिव’ है। रिलायंस कम्युनिकेशंस ने कहा कि एयरसेल के साथ मर्जर और टावर बिजनेस को बेचने से कंपनी का कर्ज 31,000 करोड़ रुपए कम हो जाएगा। यह रकम कुल कर्ज का करीब 70% है।

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